उपभोक्तावाद की संस्कृति Hindi Presentation
उपभोक्तावाद की संस्कृति पर एक हिंदी (hindi) प्रस्तुति (presentation)। इस प्रस्तुति में हम चर्चा करेंगे कि उपभोक्तावाद क्या है और कैसे उपभोक्तावाद की संस्कृति हमारे समाज और जीवन को प्रभावित कर रहा है। उपभोक्तावाद, सामाजिक दृष्टिकोण से एक बड़ा खतरा है। भविष्य के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह बदलाव हमें सामाजिक पतन की ओर अग्रसर कर रहा है।
उपभोक्तावाद की संस्कृति के चलते विज्ञापनों के मकडज़ाल में फंसकर आज की युवा पीढ़ी दिग्भ्रमित होती जा रही है। शरीर पंचभौतिक तत्वों से मिलकर बना है तथा इसे योग के अनुशासन से ही ठीक रखा जा सकता है परंतु आज विज्ञापनों के फेर में सौंदर्य प्रसाधनों तथा स्वास्थ्य वर्धक पेयों के नाम पर रासायनिक मिश्रणों के उपयोग से न केवल अपनी त्वचा का नाश कर रहे हैं अपितु गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित होते जा रहे हैं मानसिक गुलामी के चलते हमने अपनी दिनचर्या को भी बिगाड़ दिया है। आज दुनिया के अधिकांश देश जहां योग की पद्घति को अपना कर अपना जीवन सुधार रहे हैं वहीं हम आज भी योग का लाभ लेने में संकोच कर रहे हैं।
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